अजमेर: एलपीजी गैस सिलेंडरों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के विरोध में अजमेर शहर जिला युवा कांग्रेस द्वारा किया गया प्रदर्शन अब विवादों में घिर गया है। प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताने के लिए सरकारी संपत्ति यानी गैस सिलेंडर को तालाब में फेंककर एक ऐसा संदेश दिया, जिसे गैरजिम्मेदाराना और कानून के विरुद्ध बताया जा रहा है।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित मल्होत्रा ने किया, जिनके साथ जिला प्रभारी तेजकरण चौधरी, प्रदेश सचिव अकबर हुसैन, विधानसभा अध्यक्ष पवन ओड, जिला सचिव कविता कहार, और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। महिलाओं ने लकड़ियाँ इकट्ठा कर चूल्हे पर वापसी का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के “400 रुपये में गैस सिलेंडर” जैसे दावों को जुमलेबाज़ी करार दिया।
हालांकि, विरोध की अभिव्यक्ति लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इस तरह सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना न केवल कानूनन गलत है, बल्कि जनहित के मुद्दों को कमजोर भी करता है।
दूसरी ओर, केंद्र सरकार और भाजपा भी आलोचनाओं से बच नहीं सकती। गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार वृद्धि आम जनता की जेब पर भारी पड़ रही है। सरकार द्वारा की गई रसोई गैस सब्सिडी और राहत की घोषणाएं धरातल पर असर नहीं छोड़ पा रही हैं। “400 रुपये का सिलेंडर” वादा केवल कागज़ों तक सीमित दिखाई दे रहा है।
यह विरोध न केवल सरकार की जनविरोधी नीतियों की ओर इशारा करता है, बल्कि विपक्ष की अराजक और अविवेकपूर्ण रणनीति पर भी सवाल खड़े करता है। एक ज़िम्मेदार विपक्ष को जन भावनाओं का सम्मान करते हुए विधिसम्मत और रचनात्मक विरोध करना चाहिए, न कि सार्वजनिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाकर राजनीति करनी चाहिए।