जयपुर: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में अग्निशमन विभाग द्वारा जारी की जाने वाली फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के नवीनीकरण नियमों में बड़ा संशोधन किया है। अब नगर निकाय क्षेत्रों में एनओसी के नवीनीकरण पर लिया जाने वाला शुल्क दोगुना कर दिया गया है। यह निर्णय नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका क्षेत्रों में सभी व्यावसायिक और आवासीय इमारतों पर लागू होगा। संशोधित दरों के अनुसार, नगर निगम क्षेत्रों में अब फायर एनओसी के नवीनीकरण के लिए ₹20,000 का शुल्क लिया जाएगा, जो पहले ₹10,000 था। नगर परिषद क्षेत्रों में यह राशि ₹10,000 (पहले ₹5,000) और नगरपालिका क्षेत्रों में ₹15,000 (पहले ₹7,500) कर दी गई है। यह संशोधन राज्य के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
इस बदलाव का सीधा असर उन भवन मालिकों और संस्थानों पर पड़ेगा, जिन्हें हर वर्ष फायर एनओसी का नवीनीकरण कराना होता है। सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करना और विभागीय प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना है। हालांकि, इस शुल्क वृद्धि को लेकर भवन निर्माताओं और व्यापारिक संगठनों में नाराजगी है। उनका कहना है कि यह निर्णय आर्थिक रूप से पहले से ही दबाव में चल रहे रियल एस्टेट और व्यावसायिक क्षेत्रों पर अतिरिक्त भार डालेगा। कई व्यापारिक प्रतिनिधियों ने इसे “एकतरफा फैसला” बताते हुए सरकार से पुनर्विचार की मांग की है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में राहत देते हुए होटलों, रिसॉर्ट्स और हेरिटेज प्रॉपर्टीज के लिए फायर एनओसी की वैधता अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी थी। अब देखना यह होगा कि नई शुल्क व्यवस्था में सरकार किसी प्रकार की छूट या राहत देती है या नहीं।