राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानव तस्करी का एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक स्वयंसेवी संस्था (NGO) की आड़ में लंबे समय से मानव तस्करी का रैकेट चलाया जा रहा था। यह रैकेट विशेष रूप से गरीब और कमजोर तबके की लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें जबरन विवाह के नाम पर बेचने का घिनौना धंधा कर रहा था। मुख्य आरोपी गायत्री विश्वकर्मा नामक महिला इस रैकेट की सरगना थी। वह एक एनजीओ चलाती थी, जो गरीब लड़कियों के सामूहिक विवाह का आयोजन करती थी। लेकिन इसके पीछे की असलियत बेहद खौफनाक थी। गायत्री एजेंटों के ज़रिए गरीब लड़कियों को खरीदती थी और फिर उन्हें शादी के नाम पर युवकों को 2.5 से 5 लाख रुपये में बेच देती थी। लड़कियों की कीमत उनके रंग, कद और उम्र के अनुसार तय की जाती थी।
फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग
नाबालिग लड़कियों को बालिग दिखाने के लिए गायत्री फर्जी आधार कार्ड बनवाती थी। अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उसने करीब 1,500 से अधिक फर्जी विवाह करवाए हैं। इस महिला के खिलाफ दस से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
रैकेट का पर्दाफाश
इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब उत्तर प्रदेश की एक 16 वर्षीय किशोरी फार्महाउस से भागकर पुलिस के पास पहुंची। पीड़िता के बयान पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उस फार्महाउस पर छापा मारा और चार आरोपियों — गायत्री विश्वकर्मा, हनुमान, भगवान दास और महेंद्र — को गिरफ्तार किया। ये लोग किशोरी को “खरीदने” के इरादे से वहां आए थे।
पिछले दो सालों में तेज हुआ मानव तस्करी का खेल
जनवरी 2023 में जयपुर एयरपोर्ट पर नेपाल की 12 लड़कियों को गल्फ देशों में भेजे जाने से रोका गया एवं बिहार से लाए गए 25 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया गया। मई 2024: मानव अंग तस्करी से जुड़े एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। जून 2024: यूट्यूबर बॉबी कटारिया से जुड़े मानव तस्करी गिरोह पर NIA की कार्रवाई हुई।
जयपुर और समग्र रूप से राजस्थान में मानव तस्करी के मामलों की संख्या बढ़ रही है, जो राज्य में कानून व्यवस्था और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है। यह अत्यंत आवश्यक है कि सरकार, पुलिस प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं मिलकर ऐसे अपराधों पर कठोर कार्रवाई करें और पीड़ितों को न्याय दिलाएं। फर्जी दस्तावेज़ों की जांच के लिए सख्त तंत्र विकसित किया जाए एवं सामूहिक विवाह कार्यक्रमों की स्वतंत्र निगरानी हो। मानव तस्करी विरोधी अभियानों को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाया जाना चाहिए।