अजमेर में अब किसानों का भी “डिजिटल आधार” बनेगा – माय भारत अजमेर के जोशीले स्वयंसेवकों ने किसान पंजीकरण की कमान संभाल ली है! तारागढ़ अजमेर किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ मिलकर हटूंडी, बड़गांव और खाजपुरा गांवों में किसान सर्वे और पंजीकरण कार्य शुरू किया गया है।
इस जागरूकता और पंजीकरण अभियान में महाराणा प्रताप युवा मंडल के सात सुपरस्टार स्वयंसेवक – अनमोल, मानसी, भाविका, लोकेन्द्र, पुखराज, केशव और जगदीश – ने जमकर भागीदारी निभाई। यह टीम गांवों में न केवल रजिस्ट्रेशन करवा रही है, बल्कि किसानों को सरकार की योजनाओं, नई तकनीकों और जैविक खेती के बारे में ऐसी जानकारी दे रही है, जो पहले शायद सिर्फ रेडियो में सुनने को मिलती थी!
डिजिटल खेती की ओर पहला कदम – मोबाइल में अब हल और बैल भी
किसानों का पंजीकरण अब पुराने रजिस्टरों में नहीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है। मतलब अब किसान भी “ऑनलाइन” हैं, सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप तक सीमित नहीं! इस काम में क्लस्टर आधारित व्यवसाय संगठन के समन्वयक सुमित चौधरी और तारागढ़ अजमेर के सीईओ विकास चौधरी की भी जबरदस्त भागीदारी है।
युवा किसानों ने पहल की तारीफ की
जिला युवा अधिकारी जयेश मीना ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्वयंसेवकों को इस अभियान में हिस्सा लेकर न केवल तकनीकी ज्ञान मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण जीवन से जुड़ने का अनोखा अनुभव भी हो रहा है। कुल मिलाकर, माय भारत की इस पहल ने साबित कर दिया है कि जब युवा गांवों की ओर रुख करते हैं, तो बदलाव की फसल जरूर लहलहाती है।