जोधपुर जिले के लूणी नदी क्षेत्र में लंबे समय से जारी अवैध बजरी खनन पर नियंत्रण के लिए प्रशासन ने व्यापक और सख्त कदम उठाए हैं। अवैध खनन के कारण न केवल पर्यावरणीय क्षति हो रही थी, बल्कि तेज गति से दौड़ते डंपरों की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखी जा रही थी। इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन ने लूणी नदी के 80 किलोमीटर के क्षेत्र में 18 अस्थायी चेक पोस्ट स्थापित किए हैं, जिन पर 137 जवानों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है।
33 वाहन जब्त, 15 लोग गिरफ्तार
हाल के अभियानों में 14 प्रकरण दर्ज कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 33 वाहनों को जब्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, लूणी नदी में खनन में संलिप्त छह माफियाओं को पकड़ा गया, जिनके पास से डंपर, ट्रैक्टर और लग्जरी कारें जब्त की गईं। इन वाहनों का उपयोग न केवल खनन में, बल्कि पुलिस की गतिविधियों की निगरानी और बजरी के परिवहन के लिए किया जा रहा था।
निरंतर प्रयासों की ओर जरूरत
प्रशासन की सख्ती का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। अब लूणी नदी के क्षेत्र में और सड़कों पर तेज रफ्तार डंपरों की आवाजाही लगभग थम गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में भी गिरावट आई है। हालांकि अवैध खनन पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया गया है, लेकिन इसका पर्यावरण पर पड़ चुका प्रभाव अभी भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। लूणी नदी की पारिस्थितिकी को संरक्षित करने और भविष्य में अवैध खनन को पूरी तरह समाप्त करने के लिए निरंतर निगरानी और जन सहयोग की आवश्यकता बनी हुई है। प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।