सरकार एक तरफ दावा करती है कि जल जीवन मिशन से 15 करोड़ घरों तक शुद्ध जल पहुंचा है, वहीं ग्राम जोलन्दा, सवाईमाधोपुर में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। पानी, जो कि मूलभूत सुविधाओं में से एक है, इसके लिए भी ग्रामवासी पिछले 10 वर्षों से बेकार पड़ी पानी की टंकी के लिए सरकार की उदासीनता और भ्रष्ट व्यवस्था से गुहार लगा रहे हैं। यह पानी की टंकी इन भ्रष्टाचारियों और मतलबियों की नियत का अधमरा सबूत है।
क्या हुआ जल जीवन मिशन योजना का?
जिस योजना के तहत हर घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, आज वही योजना सिर्फ पोस्टरों और भाषणों तक सीमित रह गई है। टंकी ज़मीन में धंस चुकी है, पाइपलाइन से पानी आना बंद हो चुका है और गांववाले पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसके बावजूद ना प्रशासन हरकत में आ रहा है, ना जनप्रतिनिधि कोई ठोस कदम उठा रहे हैं। यह न सिर्फ जल जीवन मिशन की असफलता है, बल्कि यह ग्रामीण जनता के साथ किया गया एक क्रूर मज़ाक भी है। जोलन्दा के आम जन अब जवाब चाहते हैं, वादा नहीं। पानी चाहिए, भाषण नहीं।
MLA, MP, सरपंच – किसी ने एक्शन नहीं लिया
ऐसे हालात के लिए तीनों ही जिम्मेदार हैं क्योंकि खबर तीनों को है। MLA हरलाल सहारण, MP राहुल कस्वां एवं सरपंच विजेंद्र सिंह गुर्जर, इन तीनों की जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम अब तो कोई एक्शन लें।