अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि वामपंथी गठबंधन ने चार में से तीन शीर्ष पदों पर अपना दबदबा कायम रखा, लेकिन एक दशक बाद ABVP के वैभव मीना ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल कर संगठन का खाता खोला।
चुनाव प्रक्रिया और परिणाम
25 अप्रैल 2025 को हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लगभग 70% मतदान हुआ। कुल 5,588 छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष पद पर आइसा के नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष पद पर DSF की मनीषा, महासचिव पद पर DSF की मुन्तेहा फातिमा, और संयुक्त सचिव पद पर ABVP के वैभव मीना ने जीत दर्ज की। यह चुनाव ABVP के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि संगठन ने 42 काउंसलर सीटों में से 24 पर विजय प्राप्त की, जो किसी भी अन्य छात्र संगठन की तुलना में सर्वाधिक है।
वैभव मीना की पृष्ठभूमि और राजस्थान से जुड़ाव
वैभव मीना राजस्थान के करौली निवासी हैं। उनकी शिक्षा और सामाजिक सक्रियता ने उन्हें छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। जेएनयू में पढ़ाई के दौरान उन्होंने ABVP से जुड़कर संगठनात्मक कार्यों में भाग लिया और छात्र हितों के लिए संघर्ष किया। उनकी जीत ने न केवल ABVP के लिए एक दशक बाद केंद्रीय पैनल में स्थान सुनिश्चित किया, बल्कि राजस्थान के छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी।
राजस्थान में छात्र राजनीति का भविष्य
वैभव मीना की सफलता ने राजस्थान में छात्र राजनीति के भविष्य को उज्जवल किया है। उनकी जीत से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से उम्मीद जताई जा सकती है कि वे ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करेंगे।