राजस्थान में अवैध बजरी खनन को लेकर हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ जिलों में बजरी माफिया के खूनी खेल ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। चित्तौड़गढ़ में बजरी विवाद को लेकर गैंगवार और फायरिंग हुई, जिसमें गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और एक युवक की मौत हो गई। वहीं झालावाड़ में मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक बजरी कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं ने प्रदेश में खनन माफिया के बढ़ते मनोबल और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद माफिया बेखौफ होकर खुलेआम गोलियां चला रहे हैं और निर्दोषों की जान ले रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है।
डबल इंजन सरकार में बिगड़े हालात
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के दावों के विपरीत, जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि अब वे खुलेआम हत्याएं कर रहे हैं और कानून का कोई डर नहीं है।
सख्त कार्रवाई की मांग
बजरी खनन से जुड़े संगठनों और आमजन ने सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब कानून के रखवाले ही असहाय नजर आएं, तो आम आदमी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करे? राज्य में लगातार हो रही ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि अब समय आ गया है जब बजरी माफिया पर निर्णायक कार्रवाई हो, नहीं तो हालात और बिगड़ सकते हैं।