उदयपुर, 26 मई: राजस्थान के उदयपुर जिले में देश की सबसे बड़ी नशीली दवा तस्करी के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। करीब 9 साल पहले पकड़ी गई 23 हजार किलो मैंड्रेक्स की खेप के मामले में एडीजे-1 कोर्ट ने 7 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
इतिहास की सबसे बड़ी जब्ती
विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने जानकारी दी कि नवंबर 2016 में प्रतापनगर क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री पर डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) द्वारा छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में 23 हजार किलो मैंड्रेक्स (Methamphetamine) जब्त की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी।
सजा सुनाए गए दोषी
कोर्ट ने छह दोषियों रवि दुदानी, परमेश्वर दुदानी, अनिल मलकानी, संजय आर पटेल, निर्मल दुदानी और गुंजन दुदानी को 20-20 साल की सश्रम कारावास, जबकि अतुल को 10 साल की सजा सुनाई।
अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा
जांच में सामने आया कि यह खेप इंडोनेशिया तक भेजी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का ड्रग रैकेट था। यह कार्रवाई न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में नशीली दवाओं के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी गई थी।
क्या है मैंड्रेक्स?
मैंड्रेक्स (Methamphetamine) एक अत्यंत घातक और प्रतिबंधित मादक पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल अवैध रूप से नशे के लिए किया जाता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क और शरीर पर गंभीर होता है और यह युवाओं में लत पैदा करता है।
कानून का सख्त संदेश
यह फैसला नशीली दवाओं के तस्करों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि कानून से कोई नहीं बच सकता। 9 साल बाद भी सच्चाई सामने आई और दोषियों को सजा मिली। यह निर्णय न्याय व्यवस्था में विश्वास को और मजबूत करता है।