NEET 2024 परीक्षा के दौरान जोधपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज के दो MBBS छात्रों की संलिप्तता पाई गई है। 2022 बैच का छात्र हर्षित मेहला और 2023 बैच का भागीरथराम विश्नोई पर आरोप है कि इन्होंने NEET परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनकर दूसरों की जगह परीक्षा दी।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने इस गंभीर अनियमितता को संज्ञान में लेते हुए दोनों छात्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। कॉलेज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इन छात्रों को निलंबित कर दिया है।
इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथ में है, जिसने शुरुआती सबूतों के आधार पर कार्रवाई तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, CBI जल्द ही आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की प्रारंभिक जांच में भी परीक्षा में गड़बड़ी के संकेत मिले थे, जिससे यह घोटाला उजागर हुआ।
यह घटना NEET जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। परीक्षा प्रणाली में मौजूद खामियों ने फर्जीवाड़े की संभावना को उजागर किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुधार की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के फर्जीवाड़े से न केवल परीक्षा की साख को ठेस पहुंचती है, बल्कि ईमानदार परीक्षार्थियों के भविष्य पर भी संकट आता है। यह मामला एक चेतावनी है कि परीक्षा में धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी और उनका करियर दांव पर लग सकता है। अगर जांच ईमानदारी से जारी रही, तो आने वाले समय में और खुलासे संभव हैं।