आज विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, विधायक जोगाराम पटेल और सांसद संजय शर्मा जैसे नेताओं ने सोशल मीडिया पर पृथ्वी के संरक्षण और उर्वरकता बनाए रखने के संकल्प के साथ शुभकामनाएँ दीं। जोगाराम पटेल ने संस्कृत श्लोक “माता भूमि: पुत्रोहं पृथिव्या:” के साथ अपने ट्वीट में पृथ्वी के प्रति अपनी भावना व्यक्त की।
लेकिन इन बधाई संदेशों के बीच जोजरी नदी का लगातार होता प्रदूषण और उसके कारण प्रभावित होते गांवों की हालत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिससे जागरूक नागरिकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल “थोथली बयानबाज़ी” है। एक दिन ट्वीट कर देने से पृथ्वी की रक्षा नहीं होगी – जब तक कि धरातल पर प्रभावी कार्यवाही न हो, जैसे जोजरी नदी को साफ़ करने की पहल।
आज कई जागरूक नागरिकों ने सोशल मीडिया पर नेताओं की ट्वीट्स के जवाब में जोजरी नदी की वर्तमान हालात की तस्वीरें पोस्ट करने का आह्वान किया, ताकि सच्चाई सभी के सामने लाई जा सके।
क्या केवल ट्वीट्स से पृथ्वी को बचाया जा सकता है? देश की हालत कुछ यूं है कि नेता केवल ट्वीट कर रहे हैं और पत्रकार नेतागिरी। अब वो चाहे कोई भी पत्रकार हो। आप तो बदलाव ला सकते हैं, पूरा सिस्टम आपके हाथ में है या आप भी उद्योग में निवेश करने का मन बना रहे हैं। 700 से 800 फैक्ट्रियों का केमिकल तो जोजरी में जा ही रहा है, एक आप भी खोल लीजिए।