जालोर के ऐतिहासिक युद्ध की 714वीं वर्षगांठ पर रविवार रात भगत सिंह स्टेडियम में भव्य “जस जालोर रो इतिहासगाथा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, संस्कृति शोध परिषद और इतिहास संकलन समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़े प्रेरक प्रसंगों को साझा किया गया।
मुख्य वक्ता शिक्षक और इतिहासविद राजवीर चलकोई ने कहा कि जालोर का इतिहास अद्भुत पराक्रम और बलिदान की मिसाल है। उन्होंने महर्षि जाबाली, महाराजा कान्हड़देव, वीरांगना हीरा दे, और वीर वीरमदेव के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जालोर की धरती केवल युद्धों की नहीं, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना की भी वाहक रही है।
कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए पाथेय कण के सह-प्रबंध संपादक श्याम सिंह ने इतिहास से सीखने और राष्ट्रीय मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने हाल के पहलगाम आतंकी हमले का संदर्भ देते हुए कहा कि हमें सतर्क रहकर देश के समक्ष मौजूद खतरों का सामना करना होगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक संजीव कुमार ने कहा कि इतिहास केवल अतीत नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है। उन्होंने युवाओं से इतिहास की यशगाथाओं से प्रेरणा लेने और सांस्कृतिक चेतना को बनाए रखने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान भैरुनाथ अखाड़े के योगी ईश्वनाथ महाराज का सान्निध्य भी रहा। दीप प्रज्वलन और मां शारदे वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कवि अचलेश्वर आनंद ने “जय जालोर” शीर्षक से काव्य पाठ कर समां बांधा।
कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहे युवा कार्यक्रम की प्रमुख आकर्षण
कार्यक्रम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने विशेष रुचि दिखाई। आयोजकों ने 400 कुर्सियों की व्यवस्था की थी, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए 135 अतिरिक्त कुर्सियां लगानी पड़ीं। फिर भी कई लोग खड़े रहे और छात्र कारपेट पर बैठकर कार्यक्रम में जुटे रहे। कार्यक्रम के बाद मुख्य वक्ता के साथ सेल्फी लेने के लिए युवाओं में खासा उत्साह देखा गया।
आभार व संदेश एवं विशिष्ट उपस्थिति
कार्यक्रम संयोजक संदीप जोशी ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि जालोर के वीरों की गाथा हर घर तक पहुंचे, इसके लिए हमें अपने घरों में उनके चित्र लगाकर नई पीढ़ी को प्रेरित करना चाहिए। कार्यक्रम में संघ के विभाग कार्यवाह दिनेश कुमार, जिला कार्यवाह शेखर, वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन व्यास, प्राचार्य अर्जुनसिंह उज्जवल, उपन्यासकार पुरुषोत्तम पोमल, संघ चालक श्याम सुंदर सोलंकी, और कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। संचालन प्रदीप बीदावत व प्रवीण मकवाना ने किया।