राजस्थान में प्रशासनिक ढांचे के बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। जिलों और संभागों के पुनर्गठन के बाद अब राज्य सरकार की नजर उपखंडों पर है। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में लगभग 100 उपखंडों को समाप्त किया जा सकता है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, अब दो से तीन तहसीलों पर एक एसडीएम कार्यालय (उपखंड अधिकारी कार्यालय) बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस मॉडल से प्रशासन अधिक प्रभावी और संसाधन-सक्षम हो सकेगा।
वर्तमान में प्रदेश में कई ऐसे उपखंड हैं, जहां एक या दो ही तहसीलें आती हैं। ऐसे में एक पूरा प्रशासनिक सेटअप बनाए रखना व्यावहारिक नहीं माना जा रहा। नई योजना का उद्देश्य प्रशासन को केंद्रीकृत करते हुए खर्च और स्टाफिंग को संतुलित करना है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार अब तक प्रदेश के आधे से अधिक जिलों का फीडबैक जुटा चुकी है, और इसी के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने से पहले जनता, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की राय ली जा रही है। हालांकि इस योजना को लेकर विपक्ष और कुछ जन संगठनों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन की पहुंच अधिकारियों तक मुश्किल हो सकती है। वहीं, सरकार का दावा है कि ई-गवर्नेंस, मोबाइल कलेक्शन सेंटर और डिजिटल सेवाओं के जरिए लोगों को सुगम सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह योजना जनता के हित में साबित होती है या फिर ज़मीनी स्तर पर नई चुनौतियों को जन्म देती है।