पशु परिचर परीक्षा परिणाम सचिव भागचंद जी ने परीक्षा परिणाम पर हस्ताक्षर करने से पहले अपनी आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत परीक्षा परिणामों में समानता सुनिश्चित नहीं की जा रही है, और यह उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा। हालांकि, आलोक राज के दबाव में उन्होंने हस्ताक्षर किए। सचिव का मानना था कि यह निर्णय नॉर्मलाइजेशन को पढ़ने वालों के साथ धोखा होगा। इस स्थिति में, सचिव की आपत्ति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
नया घोटाला आया सामने
राजस्थान पशु परिचर परीक्षा परिणाम में पहले सिर्फ नॉर्मलाइजेशन में की गई गड़बड़ी सामने आई थी मगर अब सिलेक्शन प्रोसेस में किया गया बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। जिन भी बच्चों की रैंक 1 से 100 के बीच में आई है उनमें से 99 बच्चों को शिफ्ट 6 में बैठाया गया और एक को शिफ्ट 5 में बाकी शिफ्ट से किसी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ। 1500 से 2000 रैंक के बीच में ही जाकर हुआ कि पहली शिफ्ट से किसी एक अभ्यर्थी का चयन किया गया हो। कुल मिलाकर 4500 में से 49% विद्यार्थियों का चयन शिफ्ट 6 से हुआ यानी 2206 अभ्यर्थी (न जाने कितने घोटालेबाज)। पांचवीं शिफ्ट से 943, तीसरी से 899, दूसरी से 394, पहली से 43, चौथी शिफ्ट से 15।
मुख्य समस्याएं:
नॉर्मलाइजेशन से अंकों में भारी अंतर:
कुछ परीक्षार्थियों के अंक 30 से अधिक तक घटा या बढ़ा दिए गए, जिससे वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर आकलन करना संभव नहीं रह गया।
पहली और चौथी पारी के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय:
इन पारियों में सम्मिलित हुए परीक्षार्थियों का चयन बहुत ही कम संख्या में हुआ है, जबकि अन्य पारियों में चयनित उम्मीदवारों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रही है।
मेहनती अभ्यर्थी वंचित:
कई ऐसे अभ्यर्थी जिनके वास्तविक अंक अच्छे थे, वे नॉर्मलाइजेशन के कारण चयन सूची से बाहर हो गए।
कम अंक वालों का चयन:
कुछ अभ्यर्थी जिनके मूल अंक कम थे, उन्हें नॉर्मलाइजेशन के कारण अधिक अंक मिल गए और वे चयनित हो गए।
अभ्यर्थियों की मांगे एवं सुझाव
प्रभावित अभ्यर्थियों की ओर से यह मांग की जा रही है कि पशु परिचर भर्ती परीक्षा का परिणाम रद्द किया जाए अथवा नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को दोबारा एक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू कर संशोधित परिणाम जारी किया जाए, जिससे सभी अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके और चयन प्रक्रिया में विश्वास बहाल हो।
SI भर्ती में भी नया खुलासा
SI भर्ती में नया खुलासा सामने आया है—कोचिंग माफिया का गिरोह भी इसमें शामिल पाया गया है। भर्ती रद्द होना तय माना जा रहा है। अब SOG को चाहिए कि इस गिरोह की जड़ तक पहुंच कर कार्रवाई करे। जांच की आंच जयपुर और जोधपुर के बड़े कोचिंग संस्थानों तक पहुंचती दिख रही है।