धारियावद के विधायक थावर चन्द मीणा ने नॉर्मलाइजेशन पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पशु परिचर भर्ती परीक्षा के अंतर्गत कुल 6433 पदों पर आयोजित परीक्षा में हुई धांधली के बारे में आगाह किया है। जिसका परिणाम हाल ही में 63 गुणा के अनुसार जारी किया गया है। उक्त परिणाम में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई गई है, परंतु यह प्रक्रिया समानता की बजाय अन्याय का कारण बन गई है। विशेष रूप से प्रथम पारी एवं चतुर्थ पारी के परीक्षार्थियों के साथ घोर अन्याय हुआ है। इन पारियों के अभ्यर्थियों का चयन अत्यंत कम संख्या में हुआ है, जबकि अन्य पारियों में बैठे अभ्यर्थियों का चयन अपेक्षाकृत अधिक संख्या में हुआ है।
क्या है पूरा मामला ?
घोषित परिणामों में बोर्ड द्वारा नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया गया, जिससे अलग-अलग पारियों में हुए परीक्षार्थियों के अंकों को एक समान आधार पर लाया गया। लेकिन प्रथम एवं चतुर्थ पारी में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का चयन अत्यंत कम संख्या में हुआ, जबकि अन्य पारियों में बैठने वाले उम्मीदवारों का चयन काफी अधिक संख्या में हुआ। यह अंतर बोर्ड की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।
कैसे हुआ अंकों में हेरफेर ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नॉर्मलाइजेशन के चलते कुछ अभ्यर्थियों के अंकों में 30 से अधिक अंकों का अंतर देखा गया है। इससे जहां एक ओर कुछ कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार चयनित हो गए, वहीं दूसरी ओर मेहनती और अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए।