जोधपुर, 30 अप्रैल 2025: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर ने Hypertrophic obstructive cardiomyopathy (HOCM) की पहली सफल हृदय सर्जरी करके चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह सर्जरी अचानक हृदयगति रुकने (सडन कार्डियक अरेस्ट) के जोखिम को कम करने में सहायक है और हृदय रोगियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।
इस ऐतिहासिक सर्जरी का नेतृत्व AIIMS जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. जी.डी. पुरी के मार्गदर्शन में किया गया। डॉ. पुरी, जो PGIMER चंडीगढ़ में एनेस्थीसिया और HOCM एक गंभीर हृदय रोग है जिसमें हृदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और अचानक हृदयगति रुकने का खतरा बढ़ जाता है। इस सर्जरी के माध्यम से हृदय की मोटी मांसपेशियों को हटाया गया, जिससे रोगी की हृदय गति सामान्य हुई और जीवन की गुणवत्ता में सुधार आया।
AIIMS जोधपुर की हृदय सर्जरी टीम ने इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो संस्थान की तकनीकी क्षमता और विशेषज्ञता का प्रमाण है। यह उपलब्धि एम्स जोधपुर को उन्नत हृदय चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस सर्जरी की सफलता न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के हृदय रोगियों के लिए आशा की किरण है। एम्स जोधपुर अब हृदय रोगों के उपचार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।