जयपुर: समाज की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई “पुलिस मित्र योजना” राज्यभर में लोकप्रियता हासिल कर रही है। इस योजना के तहत, वे जिम्मेदार नागरिक जो जनसुरक्षा, अपराध नियंत्रण और पुलिस कार्यों में सहयोग करना चाहते हैं, उन्हें “पुलिस मित्र” के रूप में जोड़ा जा रहा है।
कौन बन सकता है पुलिस मित्र?
18 वर्ष से अधिक आयु का, समाज सेवा के लिए इच्छुक, सक्रिय नागरिक, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो, पुलिस मित्र बनने का पात्र है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति को अपने नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क कर पहचान पत्र, पता और आवश्यक विवरण जमा कराने होते हैं। सत्यापन के बाद उनका पंजीकरण किया जाता है।
क्या है पुलिस मित्र की भूमिका?
पुलिस मित्र स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ नियंत्रण, महिला सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और समाज में अपराध के विरुद्ध जागरूकता फैलाने में सहयोग करते हैं। वे पुलिस और आम जनता के बीच संवाद का पुल बनते हैं।
पुलिस मित्र योजना: एक नया जनभागीदारी मॉडल
राज्य पुलिस का मानना है कि समाज के सहयोग से ही एक अपराधमुक्त और सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा सकता है। पुलिस मित्र न केवल जनविश्वास बढ़ाते हैं बल्कि पुलिस बल की पहुंच को भी विस्तार देते हैं।