जयपुर, 3 जून: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से तेजी दिखाई जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को समग्र शिक्षा, राजस्थान की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती अनुपमा जोरवाल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में वर्ष 2021-22 से लेकर अप्रैल 2025 तक लंबित और प्रगति पर चल रही परियोजनाओं पर गहन चर्चा की गई। श्रीमती जोरवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण किया जाए और जो योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, उन्हें और अधिक प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. ओमप्रभा, श्रीमती देवयानी और विभाग के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
क्या है NEP-2020?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की नई शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है जिसे 34 वर्षों बाद 2020 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य शिक्षा को बाल केंद्रित, योग्यता आधारित, बहु-विषयक और नई तकनीकों से युक्त बनाना है। इसमें स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक व्यापक बदलाव किए गए हैं।
बच्चों के लिए क्या होंगे बदलाव?
1. नई स्कूली संरचना: 10+2 की जगह अब 5+3+3+4 प्रणाली अपनाई गई है।
इसमें फाउंडेशन (3-8 वर्ष), प्रिपरेटरी (8-11), मिडिल (11-14), और सेकेंडरी (14-18 वर्ष) चरण शामिल हैं।
2. मातृभाषा में शिक्षा: कक्षा 5 तक मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित किया गया है।
3. कोडिंग व कौशल विकास: कक्षा 6 से ही कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत।
4. सार्वभौमिक शिक्षा: सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना प्राथमिक लक्ष्य।
5. बहु-विषयक विकल्प: अब छात्र विज्ञान, वाणिज्य और कला की सीमाएं तोड़कर विषयों को अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं।
राज्य स्तर पर हुई यह समीक्षा बैठक दर्शाती है कि राजस्थान सरकार NEP-2020 को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर गंभीर है। इसके तहत बच्चों को एक आधुनिक, समावेशी और लचीली शिक्षा व्यवस्था की ओर अग्रसर किया जा रहा है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।