यह बड़ी अच्छी बात है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसी होटल में ना जाकर गरीब की टपरी चुनते हैं चाय पीने के लिए इसमें कितनी उनकी चेतना मौजूद थी और कितनी सरकार की इसका सत्य तो नहीं पता मगर मान भी लो की भजनलाल सचमुच अपनी इच्छा से वहां चाय पीने बैठे होंगे तो चाय पीने के बाद यूपीआई से पेमेंट करते हैं यानी केंद्र सरकार की नीतियों को राजस्थान की सरकार इस्तेमाल कर रही है जैसे वह केंद्र सरकार की PR टीम हो। अगर यूपीआई देश में राजस्थान की सरकार इंप्लीमेंट करती तो भी यह PR स्टंट समझ में आता।
देश में यूपीआई लाने का काम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया यह बड़ी ही खुशी की बात है और इससे देश को बेशक बहुत फायदा भी हुआ। शायद जितना फायदा हुआ हो उससे ज्यादा इसका PR सर्वप्रथम सबसे पहले केंद्र सरकार ने ही किया किए कार्यों का कब तक प्रचार सरकार खुद करें तो इस बार यह जुम्मा राजस्थान की सरकार को दे दिया गया। थोड़े दिनों बाद राजस्थान सरकार को भी यही काम करना बुरा लगेगा और यह जुम्मा वह आपके गांव के सरपंच को दे देगी ।
अब नरेंद्र मोदी को प्रचार करने से पहले काम करना होगा सरकार जरूर पो के या कृष्ण मंदिर की तरफ रुख करेंगी ही मगर सचमुच सरकार को अगर बदलाव लाना है जिसे वह और कई साल राज कर सके तो उसे मां गंगा के प्रदूषण की ओर रुख करना चाहिए और उसे खत्म कर कर दिखाना चाहिए ताकि वह हिंदुओं में फिर से अपना विश्वास कायम कर सके। गंगा नदी के ही किनारे हिंदुओं के मुख्य तीर्थ स्थल बसे हुए हैं और इसी गंगा के किनारे कई मुसलमान अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। अगर सरकार अपने इस काम का PR करेगी तो शायद इससे ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि वहां फिर से हिंदुओं को अपनी तरफ खींच सकती है और देश की आर्थिक स्थिति को फिर से पुनः जागृत करके एक नई रफ्तार दे सकती है।