जोधपुर: भैरव नाला को जोजरी नदी से जोड़ने की योजना को लेकर स्थानीय किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। बिना पूर्व तैयारी और जनसुनवाई के शुरू की गई इस योजना को लेकर ग्रामीणों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह परियोजना किसानों के लिए विनाश का कारण बन सकती है। क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने तीखे शब्दों में कहा, “शर्म करो मंत्री जी, सब जगह मोदी जी क्या करेंगे? आप लोगों ने तो किसानों की मौत की कहानी लिख दी है। आप दोनों मंत्री हजारों किसानों की मौत के सौदागर हो।”
उनका आरोप है कि सरकार ने बिना वैज्ञानिक अध्ययन, बिना ज़मीन की समीक्षा और बिना बाढ़ नियंत्रण के उपाय किए भैरव नाले को जोजरी नदी से जोड़ने का फैसला लिया है। इससे बारिश के समय अचानक बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे खेत, फसलें और यहां तक कि लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। स्थानीय किसानों ने यह भी बताया कि क्षेत्र पहले ही जलभराव और निकासी की खराब व्यवस्था से जूझ रहा है। ऐसे में इस तरह की अधूरी परियोजना से हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
कई सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि यह योजना केवल ठेकेदारों और भ्रष्टाचारियों को लाभ पहुँचाने के लिए लाई गई है, जबकि आम जनता और किसान इसकी भारी कीमत चुकाएंगे। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या सरकार ने इस परियोजना के सभी पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन किया है? यदि नहीं, तो यह लापरवाही भविष्य में एक बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकती है। जनता की मांग है कि इस योजना पर तुरंत रोक लगाई जाए और एक निष्पक्ष तकनीकी समिति द्वारा इसका पुनर्मूल्यांकन किया जाए, जिससे किसानों और आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।