जोजरी नदी के आस-पास का गाँव
मीडिया में जो जमीन के लाइसेंस दिए गए हैं वो कहीं ओर डराने लगे हैं। नदी के पास रात में मच्छरों के फाँसी आते हैं। गांव वालों की फरियाद है कि ना कोई वहां अपनी बेटी चाहता है ना कोई वल्लभ रात रुकना चाहता है। जोधपुर के नेताओं पर झूठ बोलने और शेयरधारकों से करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप है, जिसके कारण आस-पास के इलाकों में मौतें जैसे हालात हैं।
क्या हुआ जोजरी रिवर रिवर फ्रंट का??
मिनिस्टर इक्विटी पास की घोषणा की गई है कि पार्ट पर काम शुरू होने से बचा जा रहा है। गजेंद्र सिंह शेखावत और जोगाराम जी पटेल दोनों जोधपुर से अलास्का के मंत्री हैं और एक केंद्र में एक राज्य में फिर भी समाधान तो दूर समाधान जल निकासी तक नहीं लिया गया है। शेखावत ने वादा किया था कि जोजरी रिवर फ्रंट का निर्माण किया जाएगा, लेकिन इसकी घोषणा उन्होंने एक बार फिर प्रदेश में देखने के बाद की।
डॉक्टर से लैपटॉप
धवा, मेलबा, राजेश्वर के किसानों ने जोधपुर अधिभोग को पूर्ण करने का पत्र भी लिखा है
जहरीले पानी से खेत बंजार हो गए हैं, पानी की टंकियों में सेज के रूप में कंटेमिनेट पानी आ रहा है जो कि तालाब में डूबा हुआ है, झील तालाब में डूबी हुई है, जहां मछली पी रही है और दूध के समान शरीर में ये जहर मिला हुआ है, तालाब में पेड़ जल बना हुआ है और तालाब भी मर रहा है।
कैंसर का खतरा
पिछले 15 सालों से जोहरी नदी में करीब 700 फैक्ट्रियों का पानी डाला जा रहा है, अब तो कैंसर जैसी बिमारियों का खतरा है। पिछले कुछ दिनों से भारी ज़हरीला पानी डाला जा रहा है, लेकिन रात में इसके तेज तरल पदार्थ से सांस लेने में आराम मिलता है। आँखों में जलन, गले में खराश, खुजली, सरदर्द और बुखार जैसी समस्या आये दिन हो जाती है। कई लोग तो बीमार हो गए हैं। बुजुर्ग माता-पिता और बच्चों का स्वास्थ्य तुरंत खराब हो रहा है।
ऐसे में सवाल यह है कि इसकी सर्विस मिल कील या अगला कैंसर कैंसर बनने वाला है।