अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लंदन जा रही इस फ्लाइट में 242 लोग मौजूद थे। इनमें गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी समेत 265 यात्रियों की मौत हो गई। अमित शाह कल रात अहमदाबाद पहुंचे, आज पीएम मोदी भी पहुंचने वाले हैं। इसी कड़ी में देशभर के कवि-लेखकों ने अपनी संवेदनाएं अपने लेख के माध्यम से जाहिर करके मृतात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित किया हैं।

इसी कड़ी में एमडीपीजी कालेज प्रतापगढ़ के एम द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्या ओझा ने अपने भाव काव्य के माध्यम से प्रस्तुत करके श्रद्धासुमन अर्पित किया हैं।

शोर नहीं था, बस खामोशी थी,

थी मर्ज़ी ईश्वर की या प्रकृति की?

सोचा न था कोई आएगी ऐसी विपत्ति,

पल भर में चली जाएगी जीवन संपत्ति।।

अंदर ही अंदर सब जल रहा था,

खामोशी और भय फैल रहा था।

क्या कसूर था उन डॉक्टरों का,

आनंद था भोजन का या मौत का शोर था।।

कितने अरमान थें, कितनी उम्मीदें थीं,

सिमट गई वो ख्वाहिशें जो भविष्य में जग की तकदीरें थी।

ख्वाबों का शहर पल भर में बिखर गया,

हर सांस के साथ एक ज़ख्म उभर गया।।

आया एक ऐसा तूफान,

किया हर एक सांस को शांत।

है कहने को कुछ भी नहीं,

आँखें है नम और मन है परेशान।।

है परिवार के लिए दुःख की घड़ी,

अपनो की यादों की गठरी हो गई बड़ी।

रोशनी बन वो अब राह दिखाएंगे,

तारों सी चमक बन, रात में जगमगाएंगे।।

एक अंत ऐसा जो दिल को दहला गया,

दर्दनाक मौत का मंज़र दिखा गया।

अंततः मैं देती हूं लेखनी को विराम,

ईश्वर दे मृत आत्मा को चिर आराम।।

ऐसे दु:ख के घड़ी में पूरा मानव समाज स्तब्ध है और प्रार्थना कर रहा है कि इस पीड़ा से शोकसंतप्त परिवार यथाशीघ्र उबर जाए।

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