प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया श्रीलंका यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले गई है। इस दौरान उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं और कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
श्रीलंका सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया, जो दोनों देशों के बीच गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच वार्ता में रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल अवसंरचना, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें एक पांच-वर्षीय रक्षा सहयोग समझौता शामिल है, जिसके तहत श्रीलंकाई सैन्य कर्मियों को भारत में प्रशिक्षण दिया जाएगा और सूचना एवं प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान किया जाएगा।
ऊर्जा क्षेत्र में, दोनों देशों ने त्रिंकोमाली में एक संयुक्त ऊर्जा हब विकसित करने की योजना बनाई है, जिसमें एक बहु-उत्पाद पाइपलाइन और संभावित रूप से एक संयुक्त उद्यम तेल रिफाइनरी शामिल होगी। यह परियोजना श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी और स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 120 मेगावाट के संपूर सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया, जो श्रीलंका की स्वच्छ ऊर्जा पहल को बढ़ावा देगा और बिजली उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करेगा।
इसके अतिरिक्त, श्रीलंकाई सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर 14 भारतीय मछुआरों को रिहा किया, जो मानवीय दृष्टिकोण से दोनों देशों के बीच सहयोग को दर्शाता है।
राष्ट्रपति दिसानायके ने आश्वासन दिया कि श्रीलंका की भूमि का उपयोग भारत की सुरक्षा के खिलाफ नहीं किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग की प्रतिबद्धता प्रकट होती है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच बहुआयामी सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता एवं विकास में योगदान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।