नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025: भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए एक साथ पाँच बड़े फैसलों की घोषणा की है। इन फैसलों का असर राजनीतिक, कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर व्यापक रूप से देखा जा रहा है।
1. सिंधु जल संधि स्थगित – ऐतिहासिक संधि पर विराम
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह संधि छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज) के जल बंटवारे को लेकर की गई थी, जिसमें भारत को पूर्वी नदियों और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का उपयोग दिया गया था।
इस निर्णय के संभावित प्रभाव:
पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर संकट: पाकिस्तान की कृषि और पेयजल आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर करता है। संधि स्थगन से इन स्रोतों में रुकावट आ सकती है।
राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव: यह कदम पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की नाराजगी का स्पष्ट संकेत हो सकता है।
भारत की जल संप्रभुता का पुनर्मूल्यांकन: इस निर्णय से भारत को पश्चिमी नदियों के जल पर अधिक नियंत्रण मिल सकता है, जो अब तक लगभग पूरी तरह पाकिस्तान के लिए छोड़ा गया था।
संभावित कारण:
– लगातार सीमा पार आतंकवाद और घुसपैठ: भारत का यह कदम पाकिस्तान से हो रही आतंकी गतिविधियों के जवाब में एक रणनीतिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
– राजनीतिक और जन भावनाएं: हाल के समय में जनता और राजनीतिक दलों की ओर से पाकिस्तान के प्रति कड़े रुख की मांग बढ़ी है।
– द्विपक्षीय वार्ताओं में प्रगति का अभाव: पिछले वर्षों में भारत-पाक वार्ताओं में कोई ठोस परिणाम नहीं निकले, जिससे सरकार ने ठोस और दबावकारी कदम उठाने का फैसला किया।
2. अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बंद
पंजाब के अटारी बॉर्डर पर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही पर सीधा असर पड़ेगा।
3. SAARC वीज़ा छूट योजना पर रोक
अब पाकिस्तानी नागरिक SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत नहीं आ सकेंगे। जो नागरिक इस योजना के तहत पहले से भारत में हैं, उन्हें 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
4. पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘persona non grata’ घोषित करते हुए 7 दिन के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
5. भारतीय सैन्य सलाहकारों की वापसी
भारत ने इस्लामाबाद में तैनात अपने सैन्य सलाहकारों को भी वापस बुला लिया है, जिससे दोनों देशों के सैन्य संवाद स्थगित हो गया है।
इन सभी निर्णयों से स्पष्ट है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति अत्यंत सख्त कूटनीतिक रुख अपनाया है। यह केवल चेतावनी नहीं, बल्कि कड़े और दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाले फैसले हैं, जो आने वाले समय में दक्षिण एशिया की राजनीतिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।