अजमेर: JLN अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट में रविवार रात एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग मरीज को करीब दो घंटे तक खाली ऑक्सीजन सिलेंडर से जोड़े रखा गया। मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी हालत बिगड़ती गई और आखिरकार मौत हो गई।
65 वर्षीय कलामुद्दीन, जो शुगर के मरीज थे, की तबीयत अचानक खराब होने पर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ऑक्सीजन पर रखा, लेकिन मरीज को राहत नहीं मिली। मौके पर मौजूद एक व्यक्ति, जो ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ा कार्य कर चुका था, ने सिलेंडर की जांच की तो वह खाली पाया गया। जब यह बात अस्पताल की महिला कर्मचारी को बताई गई, तो उसने इसे नजरअंदाज कर दिया।
रात करीब 7:45 पर कलामुद्दीन की मौत हो गई। परिजनों ने हालांकि कोई लिखित शिकायत नहीं दी, लेकिन घटना का एक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने कहा कि अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सिस्टम है, और पांच ट्रॉलियों में ऑक्सीजन सिलेंडर लगे हैं। अगर किसी मरीज को खाली सिलेंडर से ऑक्सीजन दी जा रही थी, तो यह गंभीर चूक है और इसकी जांच कराई जाएगी। यह घटना एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है—कि कैसे बुनियादी लापरवाहियों की कीमत आम आदमी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है।