नागौर, 28 मई 2025: नागौर जिले की दो बड़ी सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट (मुंडवा) और जेएसडब्ल्यू सीमेंट (सरासनी के निकट)—द्वारा भारत सरकार को पर्यावरणीय स्वीकृति (EC) की शर्तों की गलत अनुपालना रिपोर्ट भेजे जाने का गंभीर मामला लोकसभा में उठाया गया। नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा इस मुद्दे को 28 मार्च 2025 को लोकसभा के बजट सत्र में नियम 377 के तहत उठाया गया था। सांसद ने मांग की थी कि इन रिपोर्टों की भौतिक सत्यता की केंद्रीय टीम से जांच करवाई जाए। अब भारत सरकार की ओर से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. कीर्तिवर्धन सिंह ने पत्र लिखकर सूचित किया है कि मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जयपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को निर्देशित किया है कि वे मौके पर जाकर तथ्यों की भौतिक जांच करें और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सांसद ने भारत सरकार से मांग की थी कि इन रिपोर्टों की भौतिक जांच केंद्रीय टीम से करवाई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. कीर्तिवर्धन सिंह ने सांसद को पत्र भेजते हुए अवगत कराया कि मंत्रालय ने भौतिक सत्यापन के आदेश जारी कर दिए हैं और जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है।सांसद ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते इन कंपनियों की मनमानी पर ठोस कार्यवाही नहीं की गई, तो वे आगामी मानसून सत्र में पुनः यह मामला संसद में उठाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों कंपनियां पर्यावरणीय शर्तों की खुलेआम अवहेलना कर रही हैं, जिससे न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि किसान वर्ग भी प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा, “कॉर्पोरेट की मनमर्जी के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मैं किसान वर्ग और पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में हमेशा मुखर रहूंगा।” यह मामला क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों की पारदर्शिता और पर्यावरणीय जवाबदेही को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है। अब निगाहें केंद्रीय जांच दल की रिपोर्ट और भारत सरकार की आगामी कार्यवाही पर टिकी हैं।