मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने रविवार, 20 अप्रैल 2025 को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द हालात को सामान्य बनाए और लोगों के दिलों में भरोसा लौटाए। सुश्री रहाटकर ने कहा कि इस हिंसा में सबसे अधिक पीड़ा महिलाओं को झेलनी पड़ी है। “हम जहां-जहां गए, वहां महिलाओं से बातचीत की। उनका दुःख, गुस्सा और टूटे हुए सपने देख दिल दहल गया। एक महिला, जिसने कुछ दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया था, अपने घर से बेघर हो गई। महिलाएं सिर्फ यही सवाल कर रही थीं। उन्होंने क्या गलत किया था?”
NCW अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आयोग इस पूरे घटनाक्रम पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे उचित समय पर संबंधित अधिकारियों को सौंपा जाएगा। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल महिला आयोग से भी अपील की कि वे भी इन इलाकों में जाकर पीड़ित महिलाओं की स्थिति का जायजा लें और उनकी बात सुनें। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने भी इन क्षेत्रों का दौरा किया और हिंसा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि स्थिति अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं है।
गौरतलब है कि 11 और 12 अप्रैल को धुलियान और समशेरगंज में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर विरोध शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे साम्प्रदायिक हिंसा में बदल गया। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। रविवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं का एक दल, जिसमें सांसद समीरुल इस्लाम और खलीलुर रहमान शामिल थे, भी हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचा और हरगोविंद दास व उनके बेटे चंदन दास के परिवार से मुलाकात की। दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। सांसद समीरुल इस्लाम ने कहा कि प्रशासन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
हालांकि, दास परिवार ने राज्य सरकार द्वारा घोषित ₹10 लाख की सहायता राशि को ठुकरा दिया है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, “अब जब सब कुछ खत्म हो गया, तब नेता आश्वासन देने आ रहे हैं। अगर ममता बनर्जी खुद मिलने आती हैं, तो हम झारखंड चले जाएंगे ताकि उनसे मिलना न पड़े।” हिंसा से प्रभावित इलाकों में अभी भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और लोग डर के साये में जी रहे हैं।