पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय द्वारा 19 फरवरी 2024 को कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामना राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है।
कांग्रेस नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाया
मालवीय, जो कि बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा सीट से विधायक रह चुके हैं, ने कांग्रेस नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था। उन्होंने साफ कहा था कि पार्टी में जमीनी कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी और निर्णय थोपे जा रहे थे। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मालवीय का भाजपा में आना न केवल आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की पकड़ मजबूत करता है, बल्कि कांग्रेस के लिए भी यह एक गंभीर झटका है। मालवीय का बड़ा जनाधार है और वे अपने क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
अब जबकि विधानसभा और लोकसभा चुनावों की सरगर्मी तेज हो रही है, उनकी यह पार्टी-बदल की घटना 2025 में भी लगातार चर्चा में बनी हुई है। भाजपा को इससे दक्षिण राजस्थान में और मजबूती मिलने की उम्मीद है
भाजपा में शामिल होने का क्या कारण हो सकता है?
पार्टी नेतृत्व से नाराजगी के कारण मालवीय ने कांग्रेस नेतृत्व पर यह आरोप लगाया था कि वह जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रही है। वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी और फैसले थोपने की शैली से वे असहमत थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में शामिल होने का निर्णय उन्होंने वागड़ क्षेत्र के विकास के लिए लिया। उनका मानना है कि भाजपा की सरकार के माध्यम से उनके क्षेत्र को ज़्यादा संसाधन और प्राथमिकता मिल सकती है।
साथ ही अपने बयान में उन्होंने कहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी के विकास के विजन और नेतृत्व क्षमता से प्रभावित हैं, और अब उस सोच का हिस्सा बनना चाहते हैं।