राजस्थान के जालोर जिले में स्थित ऐतिहासिक जालोर किला, जिसे स्वर्णगिरी या सोनगिर के नाम से भी जाना जाता है, वर्तमान में संरक्षण और सौंदर्याकरण की प्रतीक्षा में है। 8वीं से 10वीं शताब्दी के बीच निर्मित यह किला, वीर वीरमदेव सोनगरा और उनके पुत्र कान्हड़देव की वीरता का प्रतीक है, जिन्होंने 1311 ईस्वी में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का साहसपूर्वक सामना किया था।
हालांकि, राजस्थान सरकार द्वारा अन्य जिलों के किलों और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जालोर किले के लिए कोई विशेष योजना या कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध नहीं है। 2006-2007 में, राजस्थान सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय विभाग द्वारा जालोर सहित कुछ शहरों के द्वारों के संरक्षण और विकास के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए थे, लेकिन इन प्रस्तावों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है।
स्थानीय निवासियों और इतिहास प्रेमियों का मानना है कि जालोर किले का संरक्षण न केवल ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। वे सरकार से अपील करते हैं कि जालोर किले के संरक्षण और सौंदर्याकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि यह किला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहे।