जयपुर, 31 मई 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित ‘ढोल का बाग’, जिसे शहर के ‘फेफड़े’ के रूप में जाना जाता है, वर्तमान में विकास परियोजनाओं की चपेट में है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में मॉल और होटल निर्माण के लिए जंगलों को उजाड़ने की योजना बनाई जा रही है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय युवाओं और पर्यावरण प्रेमियों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि पहले लोग विकास के लिए आंदोलन करते थे, लेकिन अब उन्हें विकास को रोकने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि सरकार और अधिकारी भ्रष्टाचार के चलते ऐसी योजनाएं ला रहे हैं जो गांवों के पर्यावरण और सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर देंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के अंधाधुंध विकास से न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होगा, बल्कि जल स्रोतों और जैव विविधता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले तालाबों की बेतरतीब खुदाई कर उन्हें नष्ट किया गया, और अब सीमेंट की योजनाओं से उन्हें और नुकसान पहुंचाया जा रहा है। युवाओं ने सरकार से अपील की है कि वे इन परियोजनाओं पर पुनर्विचार करें और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दें। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राजस्थान सरकार, और वन विभाग को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर भी अपनी आवाज उठाई है।
यह आंदोलन एक बार फिर यह साबित करता है कि जब सरकारें और अधिकारी पर्यावरणीय मुद्दों की अनदेखी करते हैं, तो जनता को सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ती है।