जयपुर में दोनों नगर निगमों का एकीकरण कर 250 की जगह 150 वार्ड बनाए गए। 7 अप्रैल को कलेक्टर ने पुनर्गठित वार्डों के नक्शे का प्रारूप प्रकाशित किया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने आपत्तियां मांगी, लेकिन 8 दिन में मात्र 8-10 आपत्तियां मिलीं, जो वार्ड सीमांकन से संबंधित हैं। कांग्रेस के आरोप निराधार साबित हुए। आपत्तियां और सुझाव 17 अप्रैल शाम 6 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
जयपुर नगर निगम वार्ड पुनर्गठन पर रिपोर्ट
जयपुर शहर में दोनों नगर निगमों – ग्रेटर और हैरिटेज – को एकीकृत कर नए सिरे से वार्डों का पुनर्गठन किया गया है। इस प्रक्रिया में पहले मौजूद कुल 250 वार्डों को घटाकर अब 150 वार्डों का गठन किया गया है। यह कदम प्रशासनिक सुचारूता और बेहतर नगरीय प्रबंधन के उद्देश्य से उठाया गया है।
7 अप्रैल 2025 को जयपुर जिला कलेक्टर ने पुनर्गठित वार्डों का प्रारूप नक्शा सार्वजनिक किया। इसके साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आमजन से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए। इस प्रक्रिया के तहत नागरिकों को 8 दिनों का समय दिया गया, जिसमें वे वार्ड सीमाओं और विभाजन से संबंधित आपत्तियां दर्ज करवा सकते थे। निर्धारित समयावधि के भीतर प्रशासन को कुल 8 से 10 आपत्तियां प्राप्त हुईं, जो मुख्य रूप से वार्ड सीमांकन से संबंधित रहीं। यह अपेक्षाकृत कम संख्या इस ओर संकेत करती है कि प्रस्तावित पुनर्गठन को जनता द्वारा मोटे तौर पर स्वीकार किया गया है और इसमें किसी बड़े असंतोष की स्थिति नहीं बनी।
इस बीच, कुछ राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस द्वारा, वार्ड पुनर्गठन को लेकर सवाल उठाए गए थे और आरोप लगाए गए थे कि यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण है। हालांकि, सीमित आपत्तियों की संख्या और इनका केवल तकनीकी प्रकृति का होना इन आरोपों को निराधार सिद्ध करता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नागरिक अपने सुझाव और आपत्तियां 17 अप्रैल 2025 की शाम 6 बजे तक जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद प्राप्त आपत्तियों की समीक्षा कर अंतिम नक्शा प्रकाशित किया जाएगा।
वार्ड पुनर्गठन की यह प्रक्रिया आगामी नगर निगम चुनावों की तैयारी के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जयपुर शहर के प्रशासनिक ढांचे को अधिक सक्षम और संगठित बनाने की दिशा में अग्रसर है।