राजस्थान सरकार ने राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) राजनैतिक प्रतिनिधित्व आयोग का पुनर्गठन करते हुए पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदनलाल भाटी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनके साथ चार अन्य सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है। मदनलाल भाटी न्यायिक सेवा में रहते हुए अजमेर, बीकानेर, मेड़ता सहित कई जिलों में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके हैं। वे राजस्थान हाईकोर्ट में विजिलेंस रजिस्ट्रार भी रहे हैं और सेवा निवृत्त के बाद अब सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएंगे।
आयोग का उद्देश्य:
यह आयोग स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में OBC वर्ग के आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है। आयोग का गठन सामाजिक संतुलन बनाए रखने और वंचित वर्गों की राजनैतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए किया गया है।
आयोग कितना सक्रिय है?
पूर्व वर्षों में आयोग की सक्रियता सीमित रही है। अक्सर इसकी बैठकें अनियमित रही हैं और स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण निर्धारण से पहले ही सक्रियता देखने को मिलती है। आयोग की सिफारिशें लंबे समय तक लंबित भी रहीं। अब नई नियुक्तियों के बाद उम्मीद की जा रही है कि आयोग पुनः सक्रिय भूमिका में नजर आएगा।
पुरानी गतिविधियाँ:
वर्ष 2018–19 में आयोग ने कुछ जिलों में OBC जनसंख्या के आँकड़ों के आधार पर प्रतिनिधित्व की समीक्षा की थी। आयोग की रिपोर्ट पर कई स्थानीय निकायों में वार्डों का आरक्षण बदला गया था। चुनावों से पहले राजनीतिक दलों से फीडबैक लेकर आरक्षण संबंधी सुझाव तैयार किए जाते हैं।मदनलाल भाटी जैसे अनुभवी न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि आयोग न केवल ज्यादा सक्रिय रहेगा बल्कि OBC वर्ग के हक और हिस्सेदारी को लेकर निर्णायक भूमिका भी निभाएगा।