जोधपुर, राजस्थान: जोधपुर जिले से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित डोली गांव आज एक गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। गांव के बीचोंबीच बहता यह काला जहरीला नाला अब सिर्फ बदबू ही नहीं, बल्कि जानलेवा साबित हो रहा है। इसी नाले में कुछ दिन पहले एक मासूम बच्चा गिर गया, जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जहरीला नाला क्षेत्र की फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्ट का परिणाम है, जो बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे गांव से होकर बहता है। इस पानी की बदबू इतनी भयावह है कि दो मिनट खड़ा रहना भी मुश्किल है। इसके बावजूद प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि आंखें मूंदे हुए हैं।
डोली गांव अरूण चौधरी के विधानसभा क्षेत्र में आता है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है। हाल ही में महिलाओं ने दिया कुमारी को अपनी समस्या हाईवे पर रोककर बताई थी, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि जहरीले पानी का प्रभाव अब स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। कई महिलाओं में गर्भधारण संबंधित समस्याएं सामने आ रही हैं। जानवर इस नाले का पानी पी रहे हैं और बीमार हो रहे हैं। फोटो में साफ देखा जा सकता है कि एक गाय इस काले नाले से होकर निकल रही है, जो पशु कल्याण और गौभक्ति के दावों पर सवाल उठाता है। कई जिम्मेदार अफसरों और नेताओं पर प्रशासनिक लापरवाही और फैक्ट्री संचालकों से मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन चाहता तो अब तक इस समस्या का समाधान हो चुका होता।यह नाला अब सिर्फ एक गंदगी का बहाव नहीं बल्कि गांववालों के लिए काले पानी की सजा बन चुका है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो यह संकट और गंभीर रूप ले सकता है।
ग्रामीणों की मांग: फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट पर तुरंत रोक लगे।
नाले को बंद कर वैकल्पिक समाधान निकाला जाए।
पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
सरकार और प्रशासन की चुप्पी इस नरकीय स्थिति को और भयावह बना रही है। अब देखना यह होगा कि क्या इस बार भी आवाजें अनसुनी रहेंगी, या वास्तव में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।