किशनगढ़ नगर परिषद में 4 कर्मचारियों की गुप्त नियुक्ति का मामला हाल ही में चर्चा में आया है। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने स्वायत्त शासन विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व आयुक्त धर्मपाल जाट के कार्यकाल में चार कर्मचारियों को बिना किसी नियम और प्रक्रिया के नियुक्त किया गया था। स्थानीय निकाय विभाग की जांच रिपोर्ट में भी इन नियुक्तियों को अवैध माना गया है। हालांकि, अब तक इन कर्मचारियों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है, ताकि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इससे पहले, नगर परिषद के लाइब्रेरियन इंचार्ज महेंद्र कला को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। हॉकर से दो महीने के बिल पास करने के नाम पर उन्होंने एक हजार रुपये की रिश्वत ली थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में नगर परिषद के ईओ मुकेश चौधरी ने कार्रवाई की बात कही थी। किशनगढ़ नगर परिषद में पारदर्शिता की कमी है और भ्रष्टाचार की समस्या गंभीर है। यदि उच्च स्तरीय जांच की जाती है, तो कई अधिकारियों की भूमिका उजागर हो सकती है।