अमराराम भारत सरकार द्वारा मलावी देश के लिए हाई कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं। राजस्थान के पाली जिले के गांव गुड़ा रामसिंह के निवासी अमराराम गुर्जर ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से एक उपलब्धि हासिल की है। इस आशय का आदेश देर रात भारत सरकार द्वारा जारी किया गया।
अमराराम गुर्जर का मूल और सफर
अमराराम गुर्जर की जीवनी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद नए सपने देखने का साहस रखते हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने दिल्ली एमसीडी में शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने 2005 में राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर दूसरी रैंक हासिल कर चयन पाया। उसी दौरान उनका चयन रेलवे में स्टेशन मास्टर और सीएसआईआर जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में भी हुआ, लेकिन उन्होंने सब इंस्पेक्टर के पद पर सेवा देने को प्राथमिकता दी। जयपुर के कई थानों में थानेदार के रूप में सेवा देते हुए उन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
2007 में IFS ज्वाइन की
वर्ष 2007 में उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की और 140वीं रैंक के साथ भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चयनित हुए। इसके बाद से उनका करियर निरंतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट सेवा देने का उदाहरण बना।
16 वर्ष के सेवाकाल 4 देशों का विदेशी अनुभव
अपने 16 वर्षों के सेवाकाल में अमराराम गुर्जर ने मिश्र, ओमान, पुर्तगाल और रोम जैसे देशों में भारत के प्रतिनिधि के रूप में काम किया। अब उनकी नई नियुक्ति मलावी में भारत के उच्चायुक्त के रूप में हुई है। IFS अमराराम की कहानी उन युवाओं के लिए एक मिसाल है जो कठिन परिस्थितियों में भी सपने देखना और उन्हें साकार करना नहीं छोड़ते। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और मेहनत के बल पर कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।