21वीं सदी की दुनिया में इस बात से बिल्कुल इंकार नहीं किया जा सकता है कि स्मार्टफोन ने हमारे जीवन को काफी सुविधाजनक बना दिया है। बैंक के काम से लेकर विदेशों में बैठे लोगों से संपर्क करना स्मार्टफोन के माध्यम से यह सब कुछ काफी आसान हो गया है। इस बात को बिल्कुल झुठलाया नहीं जा सकता है कि हम पूरी तरह से अपने कामों को लेकर स्मार्टफोन पर निर्भर हैं, दिन की शुरुआत हो या अंत, हम अक्सर मोबाइल का इस्तेमाल करके ही करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह उठते से लेकर रात को सोने तक मोबाइल देखने की ये आदत आपके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर क्या असर डालती है? आइए विस्तार से जानते हैं।
स्मार्टफोन की नीली रोशनी (ब्लू लाइट) का प्रभाव
स्मार्टफोन का ज्यादा एस्तेमाल करना आंखों पर प्रभाव डालता है। फोन से निकलने वाली नीली रोशनी (ब्लू लाइट) जिससे आंखों में थकावट, सूखापन और धुंधलापन हो सकता है। और इसे लगातार देखने से मस्तिष्क अधिक सक्रिय हो जाता है। जिससे हृदय की धड़कन सामान्य से अधिक हो जाती है और हृदय से संबंधित समस्या भी हो सकती है।
मानसिक तनाव और चिंता बढ़ाना
सुबह उठते ही सबसे पहले आप सोशल मीडिया, ईमेल जैसी सूचनाएं चेक करते हैं। इन सूचनाओं से आपकी चिंता और तनाव का स्तर बढ़ सकता है, क्योंकि पहली नजर में आपको सोशल मीडिया पर क्या दिख जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है, जिससे नकारात्मकता आती है और नकारात्मकता मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ावा देती है।
रचनात्मकता में कमी
सुबह के समय हमारा मस्तिष्क सबसे ज्यादा क्रियाशील और रचनात्मक होता है। यदि इस समय को आप मोबाइल के साथ बिताते हैं, तो आपके मस्तिष्क की रचनात्मकता प्रभावित हो सकती है। यह समय योग, ध्यान या किसी सकारात्मक गतिविधि में लगाने से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है।
मल्टीटास्किंग की आदत
सोशल मीडिया का एस्तेमाल मोबाइल नोटिफिकेशन चेक करना या ईमेल पढ़ना यह एक तरह से मल्टीटास्किंग की शुरुआत है। यह आदत आपके मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को कम करती है, जिससे आपकी एकाग्रता कमजोर होती है, नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और थकान महसूस होता है।