राजस्थान पुलिस ने 26 से 30 अप्रैल 2025 तक ‘ऑपरेशन लाडली’ नामक पांच दिवसीय विशेष अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करना है। यह अभियान अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जैसे पर्वों के दौरान बाल विवाह की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए शुरू किया गया था।
कौन सी थी इसकी प्रमुख विशेषता
पहली, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी कराना अपराध है। इस कानून के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की गई। दूसरी, सामाजिक सहभागिता: विवाह आयोजकों, टेंट हाउस संचालकों, बैंड-बाजे वालों, हलवाइयों और पुरोहितों को बाल विवाह की सूचना देने के लिए पाबंद किया गया। अनदेखी की स्थिति में उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई। तीसरी, जागरूकता अभियान: स्कूलों, गांवों और ब्लॉक स्तर पर कार्यशालाएं, रैलियां, नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन, फिल्में, शपथ ग्रहण समारोह, होर्डिंग्स और अखबारों में विज्ञापनों के जरिए आयोजित की गईं। सूचना देने वालों की सुरक्षा: बाल विवाह की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी गई और उन्हें सुरक्षा तथा उचित प्रोत्साहन भी दिया गया।
अभियान की प्रगति एवं जनता का सहयोग
अभियान के दौरान, राजस्थान पुलिस ने विभिन्न जिलों में सक्रिय निगरानी रखी और कई मामलों में त्वरित कार्रवाई की। हालांकि, अभियान की पूर्ण रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक संकेतों से पता चलता है कि ‘ऑपरेशन लाडली’ ने बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। यदि कहीं बाल विवाह की योजना या सूचना के बारे में जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पहचान गोपनीय रखी जाएगी।