जयपुर: कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद राजस्थान सरकार ने राज्यभर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीमों ने एक के बाद एक छापेमार अभियान चलाकर सैकड़ों संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को हिरासत में लिया है।
जिलावार प्रमुख कार्रवाई:
अजमेर: पुलिस ने दरगाह क्षेत्र सहित कई इलाकों से 400 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिनमें 6 बांग्लादेशी नागरिकों की पुष्टि हो चुकी है। कई लोगों के पास फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज पाए गए।
उदयपुर: सलूम्बर क्षेत्र में 27 अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए। ये सभी स्थानीय मजदूरी और निर्माण स्थलों पर काम कर रहे थे।
अलवर: बहरोड़ क्षेत्र में 90 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इन सभी की नागरिकता की पुष्टि की जा रही है।
राज्य सरकार की रणनीति:
सरकार ने तीन नए डिटेंशन सेंटर स्थापित किए हैं:
झाड़ोल (उदयपुर) मेड़ता (नागौर)
बहरोड़ (अलवर)
जयपुर में 100 व्यक्तियों की क्षमता वाला नया डिटेंशन सेंटर बनाने की योजना पर भी काम शुरू हो चुका है, जिसकी लागत लगभग ₹10 करोड़ है। पुलिस संदिग्धों की व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड और पारिवारिक नेटवर्क की भी जांच कर रही है ताकि नागरिकता का सही निर्धारण किया जा सके।
सरकार का बयान:
राज्य के गृह विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई “राज्य की आंतरिक सुरक्षा” को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। “जो भी व्यक्ति वैध दस्तावेजों के बिना राजस्थान में रह रहा है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई होगी,” विभाग ने बयान में कहा।