राजस्थान के सीकर ज़िले की रहने वाली गीता समोता ने माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) पर तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया। वे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।
गीता समोता की प्रेरणादायक यात्रा:
1. साधारण परिवार से शुरुआत
गीता का जन्म सीकर के चाक गांव में हुआ। उनके पिता किसान हैं। पांच बहनों में गीता चौथे नंबर पर हैं। कॉलेज में हॉकी खेलती थीं, लेकिन एक चोट के चलते खेल से दूरी बनानी पड़ी।
2. CISF में चयन और पर्वतारोहण की ओर रुझान
वर्ष 2011 में वे CISF में सब-इंस्पेक्टर बनीं और वर्तमान में उदयपुर एयरपोर्ट पर तैनात हैं। 2015 में उन्होंने ITBP से बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स किया और 2017 में एडवांस कोर्स भी पास किया।
3. सात महाद्वीपों की चोटियों पर फतेह का लक्ष्य (Seven Summits)
गीता का सपना है कि वे सभी महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ाई करें।
अब तक उन्होंने माउंट कोसियस्ज़को (ऑस्ट्रेलिया), माउंट एल्ब्रस (रूस), माउंट किलिमंजारो (तंजानिया, अफ्रीका), माउंट अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका) पर्वत फतेह किए हैं। उन्होंने ये चारों पर्वत मात्र छह महीने और 27 दिनों में चढ़े।
4. अन्य पर्वतारोहण उपलब्धियाँ
लद्दाख के रुपशु क्षेत्र में तीन दिनों में पाँच ऊँचाई वाली चोटियाँ फतेह कीं। माउंट सतोपनाथ और माउंट लोबुचे जैसी तकनीकी चोटियों पर भी चढ़ाई की।
5. राष्ट्रीय सम्मान
गीता को कई मंचों से सम्मान मिल चुका है, जिनमें दिल्ली महिला आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पुरस्कार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा “गिविंग विंग्स टू ड्रीम्स” अवार्ड शामिल हैं। गीता समोता की कहानी नारी शक्ति, साहस और आत्मविश्वास की मिसाल है। सीमित संसाधनों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उनका यह सफर भारत की नई पीढ़ी को प्रेरणा देता है।