जयपुर एयरपोर्ट पर हाल ही में एयर इंडिया की जयपुर से मुंबई के लिए संचालित फ्लाइट AI-611/612 के संचालन में हुई गफलत ने यात्रियों और एयरलाइंस दोनों के लिए असुविधा का कारण बना। इस रिपोर्ट में हम इस गफलत के कारणों, एयरपोर्ट प्रशासन और एयरलाइंस के बीच समन्वय की कमी, और इससे प्रभावित यात्रियों के अनुभवों पर प्रकाश डालेंगे।
नोटम (नोटिस टू एयरमेन) और एयरपोर्ट संचालन में गफलत
30 मार्च से जयपुर एयरपोर्ट पर रनवे स्ट्रेंथनिंग का कार्य शुरू हुआ, जो 30 जून तक चलेगा। इस दौरान एयरपोर्ट पर सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक फ्लाइट संचालन बंद रहता है। इस अवधि में कुल 28 फ्लाइट्स का संचालन प्रभावित हुआ, जिनमें एयर इंडिया की मुंबई जाने वाली फ्लाइट AI-611/612 भी शामिल थी। हालांकि, नोटम लागू होने से पहले एयरपोर्ट प्रशासन ने अचानक इसे टालते हुए एयरपोर्ट खोल दिया, लेकिन तब तक एयर इंडिया ने अपनी फ्लाइट्स का संचालन बंद कर दिया था। इससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
एयरलाइंस और एयरपोर्ट प्रशासन के बीच समन्वय की कमी
एयर इंडिया की AI-611/612 फ्लाइट्स दशकों से नियमित रूप से संचालित हो रही थीं। नोटम लागू होने के समय एयरलाइंस और एयरपोर्ट प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण फ्लाइट संचालन में अचानक बदलाव हुआ। एयरपोर्ट प्रशासन ने नोटम को अंतिम समय में टाल दिया, लेकिन एयरलाइंस ने पहले ही फ्लाइट्स का संचालन बंद कर दिया था। इस गफलत के कारण यात्रियों को जानकारी की कमी और असुविधा का सामना करना पड़ा।
यात्रियों में असंतोष का भाव
एयर इंडिया की फ्लाइट्स के रद्द होने से यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता थी। कुछ यात्रियों को अन्य फ्लाइट्स में समायोजित किया गया, जबकि अन्य को बसों के माध्यम से अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया गया। इस प्रक्रिया में समय की बर्बादी और अतिरिक्त खर्च हुआ, जिससे यात्रियों में असंतोष देखा गया।
जयपुर एयरपोर्ट पर नोटम के लागू होने और अचानक बदलाव के कारण एयर इंडिया की फ्लाइट AI-611/612 के संचालन में गफलत हुई, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। एयरलाइंस और एयरपोर्ट प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय और अग्रिम योजना बनाकर ऐसी गफलतों से बचा जा सकता है, जिससे यात्रियों का अनुभव बेहतर हो सके।