राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान डमी अभ्यर्थियों के माध्यम से की जा रही धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमानाराम को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बुधवार देर रात जयपुर मुख्यालय लाकर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में हनुमानाराम ने खुलासा किया कि उसने दो अभ्यर्थियों – नरपतराम और रामनिवास – की जगह उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा दी थी।
एटीएस-एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह के अनुसार, दलाल नरपतराम और हनुमानाराम से की गई पूछताछ में यह बात सामने आई कि रामनिवास ने अपनी पत्नी की जगह नरपतराम की पत्नी को परीक्षा में बैठाया और फिर हनुमानाराम को दोनों की ओर से डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने के लिए तैयार किया गया। हालांकि, दोनों अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल हुए, लेकिन साक्षात्कार में असफल रहे। एसओजी अब नरपतराम और हनुमानाराम को आमने-सामने बैठाकर आगे की पूछताछ करेगी।
इसके अलावा, मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी उम्मेद सिंह, जो कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक के रूप में कार्यरत था, को एसओजी ने सिरोही से गिरफ्तार किया। वह पहले से ही निलंबित था और कई प्रतियोगी परीक्षाओं में रुपए लेकर दूसरों की जगह डमी अभ्यर्थी बनकर शामिल हो चुका था। इनमें एसआई भर्ती परीक्षा-2018 एवं 2021, द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा-2022, प्रथम श्रेणी हिंदी व्याख्याता परीक्षा-2020 एवं 2022, और रीट लेवल द्वितीय-2022 शामिल हैं। उम्मेद सिंह को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे एक दिन की रिमांड पर एसओजी को सौंपा गया।
जांच में यह भी सामने आया कि डमी अभ्यर्थी की भूमिका निभाने के बाद पकड़े जाने के डर से नरपतराम को गोवा भेज दिया गया था। इस योजना के पीछे भी हनुमानाराम का ही दिमाग था। एसओजी इस पूरे रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में है और यह जांच जारी है कि इन परीक्षाओं में और कौन-कौन शामिल रहा है तथा इस धोखाधड़ी के बदले कितनी रकम ली गई थी।