जालोर से दक्षिण भारत के बेंगलुरु शहर तक की एकमात्र साप्ताहिक ट्रेन 06558 सर एम. विश्वेश्वरैया (बेंगलुरु) – भगत की कोठी (जोधपुर) स्पेशल एक्सप्रेस सेवा को अचानक बंद कर दिया गया है। यह निर्णय हजारों प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है।
प्रवासी समुदाय में आक्रोश
बेंगलुरु और कर्नाटक के अन्य भागों में कार्यरत हजारों राजस्थानी प्रवासी नागरिकों के लिए यह ट्रेन सस्ती, सुरक्षित और सीधी यात्रा का एकमात्र साधन थी। इसके बंद होने से लोगों को अब या तो लंबा और महंगा हवाई मार्ग अपनाना पड़ेगा या फिर कई ट्रेनों और स्टेशनों के फेर में लंबी यात्रा करनी होगी।
सांसद की चुप्पी पर सवाल
इस निर्णय के खिलाफ आम जनता ने सोशल मीडिया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से जवाब मांगा है। खासकर जालोर सांसद श्री लोम्बाराम चौधरी (@lumbaram64) की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो बीते एक महीने से विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे, लेकिन इस जनसमस्या पर कोई बयान या हस्तक्षेप नहीं किया।
बंद ही करनी थी तो शुरू क्यों की?
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में ट्रेन चालू करना केवल एक “चुनावी स्टंट” था। अगर यह सेवा स्थायी नहीं थी, तो लोगों की उम्मीदों के साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों किया गया?
मांग: ट्रेन सेवा की बहाली और स्थायीकरण
जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रेलवे मंत्रालय और सांसद से मांग की है कि ट्रेन सेवा को तुरंत बहाल किया जाए।इसे अस्थायी नहीं, नियमित सेवा के रूप में घोषित किया जाए। घटना ने न केवल रेलवे प्रशासन की नीति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकताओं को भी उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि जनता की इस पुकार पर कब और कैसा जवाब मिलता है।