भारत विविधताओं और परंपराओं की धरती है। हर कोने में कोई न कोई अनोखी और रहस्यमयी परंपरा देखने को मिलती है। ऐसी ही एक कहानी है राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के सारण का खेड़ा गांव की, जो अपने बिना दरवाजों वाले घरों के लिए प्रसिद्ध है।
इस गांव में क्यों नहीं लगाए जाते दरवाजे?
सारण का खेड़ा गांव के लोगों का मानना है कि वर्षों पहले एक संत महात्मा इस गांव में आए थे। उन्होंने यहां के लोगों से प्रसन्न होकर यह आशीर्वाद दिया कि इस गांव में कभी चोरी नहीं होगी और वे स्वयं इस गांव की रक्षा करेंगे। तभी से यहां के घरों में दरवाजे नहीं लगाए जाते।
जो दरवाजा लगवाए, उसके साथ हो जाता है अनहोनी
गांव के लोग बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपने घर में दरवाजा लगवा लेता है, तो उसके साथ बुरी घटनाएं घटने लगती हैं। कई बार तो लोगों को मजबूरन दरवाजा हटवाना पड़ता है। यह मान्यता इतनी मजबूत है कि आज भी कोई दरवाजा नहीं लगाता, सिर्फ जानवरों से बचाव के लिए जाली या लकड़ी की पत्तियों का प्रयोग होता है।
आज तक नहीं हुई एक भी चोरी
इस गांव की सबसे अचंभित करने वाली बात यह है कि यहां आज तक एक भी चोरी नहीं हुई। यह ग्रामीणों के विश्वास, आस्था और परंपरा की शक्ति को दर्शाता है।
अविश्वसनीय लेकिन सच – अजब राजस्थान की गजब कहानी
राजस्थान अपने अद्भुत किस्सों और लोक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। सारण का खेड़ा गांव इसका एक जीवंत उदाहरण है, जहां परंपरा और विश्वास ने सुरक्षा का एक नया मॉडल खड़ा कर दिया है।
भारत जैसे देश में जहां आधुनिक तकनीक और ताले भी चोरियों को नहीं रोक पाते, वहीं सारण का खेड़ा गांव हमें बताता है कि विश्वास और लोक परंपराएं कितनी प्रभावशाली हो सकती हैं। यह गांव आज भी हमारी संस्कृति की जीवंत तस्वीर है।