पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद सरकार के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद भी PHED अधिकारियों से परेशान हुए। खुलेआम कमीशनखोरी, कालाबाजारी व फर्जी निविदाएं जारी करने की शिकायत है, फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारी ने डिप्टी सीएम की नाक में दम कर रखा है।
बीसलपुर जल आपूर्ति में भारी गड़बड़ी
सूरजपुरा फिल्टर प्लांट से TM-1 लाइन के ज़रिए प्रतिदिन 63 MLD पेयजल जारी होता है, लेकिन दूदू और आसपास के क्षेत्र को केवल 27 MLD ही मिल रहा है। शेष जल की कालाबाजारी निजी फैक्ट्रियों, टैंकर चालकों और होटलों में हो रही है, जिससे आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है।
भजनलाल सरकार ने गहलोत के करीबी रहे पूर्व PHED मंत्री महेश जोशी के खिलाफ एक हज़ार करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार का मुक़दमा दर्ज किया है।
EX EN जितेंद्र शर्मा पर गंभीर आरोप
जितेंद्र शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह पहले भी रिश्वतखोरी के मामले में जेल जा चुका है। वर्तमान में उसके खिलाफ 5 प्रकरणों में 16 सीसी की कार्रवाई चल रही है। नियमानुसार ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जा सकती, बावजूद इसके वह अभी भी सक्रिय पद पर बना हुआ है।
अब डिप्टी सीएम भी परेशान
राजस्थान के जलदाय विभाग (PHED) में भ्रष्टाचार और मनमानी की कहानी कोई नई नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय से जिस सिस्टम की शिकायतें उठती रही हैं, वह अब और भी ज्यादा बेनकाब हो चुकी हैं। अब राज्य के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी विभाग के एक भ्रष्ट अधिकारी, EX EN जितेंद्र शर्मा, की कार्यशैली से परेशान हैं और उसे हटाने के लिए बार-बार अपील कर चुके हैं।
डिप्टी सीएम की लाचारी
दूदू क्षेत्र में पेयजल संकट से त्रस्त जनता के सामने डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि वे जितेंद्र शर्मा को हटवाने में अब तक असफल रहे हैं। उन्होंने जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारी को तलब भी किया, लेकिन अधिकारी ने डिप्टी सीएम को ही चुनौती दे डाली। बताया जाता है कि आरोपी अधिकारी डिप्टी सीएम को हटवाने की भी धमकी दे चुका है।
फर्जी निविदाओं से सरकारी खजाने को चूना
EX EN शर्मा पर आरोप है कि उसने 71 फर्जी निविदाएं जारी कर करोड़ों रुपये की बंदरबांट की है। हैंडपंप, ट्यूबवेल, पाइपलाइन और लीकेज मेंटेनेंस जैसे कार्यों के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया। भाजपा के कई पदाधिकारियों ने भी इंजीनियर के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
मुख्यमंत्री से की जा सकती है शिकायत
अब उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा स्वयं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर इस भ्रष्ट अधिकारी को हटाने की मांग कर सकते हैं। यह मामला प्रशासनिक तंत्र में बैठे भ्रष्ट तत्वों और राजनीतिक इच्छाशक्ति की परीक्षा बन चुका है।