कोटड़ी (राजस्थान): मातृ दिवस के अवसर पर राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कोटड़ी गांव में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान सुवा दाई मां को सम्मानित किया। दशकों से ग्रामीण प्रसव सेवाओं में समर्पित रही सुवा दाई मां को “मातृत्व की मूक नायिका” कहते हुए उप मुख्यमंत्री ने उनके त्याग और सेवा को नमन किया। दीया कुमारी ने कहा, “सुवा दाई मां त्याग, समर्पण और मातृत्व की जीवंत मूर्ति हैं। ये वे महिलाएं हैं, जिन्होंने बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के समाज को अपनी सेवा दी, लेकिन उम्र ढलने पर समाज इन्हें अक्सर भुला देता है।”
यह सम्मान एक प्रतीक है – उन हज़ारों वृद्ध महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में दशकों तक सेवाएं देती रहीं, लेकिन अब वे सामाजिक और प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार हैं।
पिछली घटना:
हाल ही में बाड़मेर, जैसलमेर और अन्य सीमावर्ती जिलों में ड्रोन अलर्ट और ब्लैकआउट के दौरान एक और सच्चाई सामने आई – वृद्ध महिलाओं की असहाय स्थिति। कई गांवों में बिजली कटौती, अफवाहें और दहशत के माहौल में वृद्ध महिलाएं बिना सहायता के अंधेरे में रहने को मजबूर थीं।
राज्य सरकार को यह सोचने की ज़रूरत है कि समाज की ये माताएं केवल मातृ दिवस तक सीमित नहीं होनी चाहिएं।
विशेषज्ञों की राय:
सामाजिक कार्यकर्ता और महिला अधिकार विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में वृद्ध महिलाओं की देखभाल के लिए नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है। “सुवा दाई मां का सम्मान एक सकारात्मक कदम है, लेकिन हजारों अन्य ‘सुवा’ आज भी गुमनाम हैं,” उन्होंने कहा।
उप मुख्यमंत्री का यह सम्मान समारोह सिर्फ एक महिला के लिए नहीं, बल्कि उस पूरे समुदाय के लिए एक उम्मीद है, जो वर्षों से चुपचाप समाज को संबल देता रहा है। जरूरत है अब इन ‘मूक नायिकाओं’ की आवाज़ को नीति और समाज में स्थान दिलाने की।