दक्षिण भारत से राजस्थान तक रेल कनेक्टिविटी पर सवाल
कोयंबटूर, तिरुपुर, इरोड और सेलम जैसे औद्योगिक शहरों की जनता लंबे समय से कोयंबटूर से जालोर-जोधपुर के लिए एक सीधी और नियमित ट्रेन की मांग कर रही है। ब्रॉडगेज कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इस रूट पर कोई रेगुलर ट्रेन शुरू नहीं की गई है, जिससे क्षेत्रीय यात्रियों में गहरी नाराजगी है। फिलहाल चल रही स्पेशल ट्रेन 06181/82 को लेकर भी यात्रियों ने आपत्ति जताई है। मौजूदा रूट—जो वाया कटपाड़ी, रेनिगुंटा, नांदेड और पुसद होकर जाता है—में लगभग 19 घंटे अतिरिक्त समय लग रहा है। इससे न केवल यात्रियों का समय बर्बाद हो रहा है बल्कि उन्हें अधिक किराया भी देना पड़ रहा है।
जनता की मांग
यात्री चाहते हैं कि इस ट्रेन का रूट बदला जाए और इसे रेनिगुंटा–गुंटकल–रायचूर–गुलबर्गा–पुणे होकर चलाया जाए। यह रूट अधिक सीधा, समय की बचत वाला और आर्थिक दृष्टि से भी यात्रियों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा यात्रियों की यह भी मांग है कि ट्रेन को “स्पेशल” की बजाय “रेगुलर” घोषित किया जाए ताकि वे पूर्व नियोजित यात्रा कर सकें।
भेदभाव का आरोप
स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कोयंबटूर से उत्तर भारत के अन्य रूटों पर रेगुलर ट्रेनें चल सकती हैं तो राजस्थान के इस रूट के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? रेल मंत्रालय से यात्रियों की अपील है कि वे इस रूट पर हो रहे अन्याय को समाप्त करें और जल्द से जल्द नियमित ट्रेन सेवा शुरू करें, जिससे दक्षिण और पश्चिम भारत के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर हो सके।