जालोर, राजस्थान: जालोर जिले में नशे के खिलाफ चल रही पुलिस की सख्त मुहिम अब असर दिखा रही है। शादी व शोक समारोहों में परंपरा के नाम पर चल रही अफीम की परोसे जाने की रीत को तोड़ने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। अब तक जिले में 323 मेजबानों को पाबंद कर उनके कार्यक्रमों में अफीम सेवन को रोका गया है। साथ ही 13 आयोजकों को नामजद कर कानूनी कार्रवाई की गई है। नशे के खिलाफ चल रहे इस अभियान को आमजन का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। अब लोग स्वयं पुलिस को समारोह में आमंत्रित कर रहे हैं और अफीम जैसी लत से छुटकारा पाने के लिए संतों को भी बुला रहे हैं। अफीम की बजाए अब शादी समारोहों में नींबू पानी और शरबत परोसे जा रहे हैं।
यह परिवर्तन सिर्फ पुलिस की सख्ती से नहीं, बल्कि जनसहयोग और सामूहिक चेतना से संभव हो रहा है। पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टाक के नेतृत्व में चल रही इस मुहिम में गांव-गांव जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि नशे की लत न सिर्फ स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक ताने-बाने को भी कमजोर करती है। इसी सोच के साथ अब गांवों में नई पीढ़ी जागरूक हो रही है और पुरानी कुप्रथाओं को पीछे छोड़कर स्वच्छ और नशा मुक्त समाज की ओर कदम बढ़ा रही है।