जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्रतिष्ठित एसएमएस अस्पताल में चिकित्सा लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक मरीज को कथित रूप से गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया। इस घटना को राज्य मानवाधिकार आयोग ने अत्यंत गंभीर मानते हुए स्वप्रेरित संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जी.आर. मूलचंदानी ने अस्पताल अधीक्षक और प्राचार्य को नोटिस जारी कर तत्काल तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही न केवल चिकित्सा सेवा की विफलता है, बल्कि यह सीधे तौर पर मरीज के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है, जो संविधान द्वारा संरक्षित है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस प्रकार की घटनाएं अस्पतालों में प्रोटोकॉल के उल्लंघन, मानव संसाधन की कमी, और निगरानी व्यवस्था के अभाव का परिणाम होती हैं। जहां एक ओर मेडिकल साइंस जीवन बचाने का कार्य करती है, वहीं इस तरह की घटनाएं आमजन के मन में चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसे को गहरा आघात पहुँचाती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा मानकों, पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित किया है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे ऐसे मामलों को केवल जांच तक सीमित न रखें, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए स्थायी व्यवस्थाएं, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और स्टाफ ट्रेनिंग को प्राथमिकता दें। घटना न केवल एक व्यक्ति की ज़िंदगी से जुड़ी त्रासदी है, बल्कि पूरे चिकित्सा तंत्र के लिए एक चेतावनी भी है कि लापरवाही की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।