राजस्थान के जालोर जिले का एक प्रमुख नगर, भीनमाल, इन दिनों फिर से चर्चा में है। वर्षों से लंबित मांग भीनमाल को जिला घोषित करने की अब जन-जन की आवाज बन चुकी है। भौगोलिक, जनसंख्या और प्रशासनिक दृष्टि से देखें तो भीनमाल एक स्वतंत्र जिले के रूप में उभरने की पूरी पात्रता रखता है। इस रिपोर्ट में हम विश्लेषण करेंगे कि क्या भीनमाल जिला बनने योग्य है, और इससे आमजन को क्या लाभ मिल सकता है।जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भीनमाल क्षेत्र की जनसंख्या 11,47,983 थी, जो अब 2023 तक अनुमानित रूप से 15 लाख से अधिक हो चुकी है। इतनी बड़ी आबादी के लिए अलग जिला प्रशासनिक दृष्टि से न सिर्फ आवश्यक है, बल्कि समय की मांग भी बन चुकी है।
भीनमाल प्रस्तावित जिले का क्षेत्रफल 6492.13 वर्ग किलोमीटर है, जो कई वर्तमान जिलों के आकार से बड़ा है। इस क्षेत्र में 192 ग्राम पंचायतें, 3 नगरपालिकाएं और 7 पंचायत समितियां मौजूद हैं। क्षेत्र में भीनमाल, रानीवाड़ा, सांचौर, चितलवाना, जसवंतपुरा और बागोड़ा जैसी प्रमुख तहसीलें शामिल हैं, जो भीनमाल से भली-भांति जुड़ी हुई हैं।
प्रशासनिक योग्यताएं
भीनमाल में पहले से ही उपखंड कार्यालय (SDM कोर्ट), नगरपालिका, पुलिस थाना, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, चिकित्सालय, बैंक, और अन्य कई प्रशासनिक संस्थान कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, रेलवे स्टेशन और राजमार्ग जैसी बुनियादी संपर्क सुविधाएं भी यहां मौजूद हैं।भीनमाल से आसपास की तहसीलों तक पहुंच आसान और सुगम है, जिससे प्रशासनिक गतिविधियां संचालित करना सरल होगा।
क्यों आवश्यक है जिला घोषित करना?
भीनमाल क्षेत्र के लोगों को कई प्रशासनिक कार्यों के लिए 70–80 किलोमीटर दूर जालोर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। यह दूरी ग्रामीणों, महिलाओं, बुजुर्गों और विद्यार्थियों के लिए समय और संसाधनों की बर्बादी है। जिला मुख्यालय बनने से न केवल यह असुविधा दूर होगी, बल्कि आमजन को अपने क्षेत्र में ही शासन की पहुंच और सेवाएं मिल सकेंगी।
विकास को मिलेगा बल
नए जिलों के गठन के बाद देखा गया है कि वहां सरकारी बजट का प्रवाह बढ़ता है, सड़कों, अस्पतालों और शिक्षा संस्थानों का विकास होता है, और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। भीनमाल भी इसका लाभ उठा सकता है।
जिला बनने के साथ-साथ क्षेत्र में न्यायिक व्यवस्था, कृषि सहायता केंद्र, उद्योग कार्यालय, और आपदा प्रबंधन जैसी सुविधाएं स्थायी रूप से स्थापित हो सकेंगी। इससे लंबे समय से उपेक्षित क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में आ सकेगा।
जन आवाज और सामाजिक मांग
भीनमाल को जिला बनाने की मांग कई वर्षों से उठती रही है। समय-समय पर सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने ज्ञापन, रैलियां, और जन जागरूकता अभियान चलाकर यह मुद्दा उठाया है। अब आवश्यकता है कि सरकार इस गंभीर जनभावना को सम्मान दे और भीनमाल को राजस्थान के नए जिले के रूप में मान्यता प्रदान करे भीनमाल, न केवल प्रशासनिक मानकों पर खरा उतरता है, बल्कि यह एक प्राकृतिक जिला मुख्यालय के रूप में उभरने की पूर्ण क्षमता रखता है। जनसंख्या, संसाधन, बुनियादी ढांचे और जनसंवेदना हर दृष्टि से यह मांग जायज़ और आवश्यक है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में शीघ्र निर्णय ले और भीनमाल को जिला बनाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाए।