बालोतरा, 3 जून: राजस्थान का बालोतरा शहर अब आम जनजीवन के लिए असुरक्षित और जानलेवा बनता जा रहा है। यह इलाका अब “रहने लायक” शहर नहीं रह गया है, बल्कि कई स्थानीय लोगों के अनुसार यह किसी परमाणु परीक्षण स्थल से कम नहीं है। शहर में चारों ओर फैली बदबू, हवा में घुला जहरीला केमिकल और ज़मीन के नीचे रिसता हुआ प्रदूषण यहां के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। प्रमुख उद्योग कपड़ा धुलाई (टेक्सटाइल प्रोसेसिंग) से निकलने वाला विषैला केमिकल सीधे लूणी नदी में डाला जा रहा है, जिससे न केवल जल प्रदूषण बल्कि जमीन की उर्वरता और जन स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ उद्योगपति सिर्फ मुनाफे के लिए मानव जीवन को नजरअंदाज कर रहे हैं। वे स्वयं तो शहर से बाहर शुद्ध वातावरण में रहते हैं, लेकिन फैक्ट्रियों के पास रहने वाले मजदूर और स्थानीय नागरिक धीरे-धीरे कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) का स्थानीय दफ्तर इस गंभीर स्थिति पर आंखें मूंदे बैठा है। आरओ स्तर के अधिकारी कथित रूप से झूठी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजते हैं ताकि उद्योगों पर कोई कार्रवाई न हो। स्थानीय विधायक अरुणा राम मेघवाल ने भी विधानसभा में इस मुद्दे को कई बार उठाया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है। बालोतरा आज पर्यावरणीय आपातकाल के मुहाने पर खड़ा है।